Heavy muscular body अच्छी बॉडी के लिए, क्या खाएं और कितना खाएं?
बॉडी बिल्डिंग एक विज्ञान है। ये दंड लगाने और दूध पीने से कहीं आगे की चीज है। जो बडे़-बड़े बदन आप देखते हैं, जो सिक्स पैक एब्स के ऊपर 18 इंच का बाइसेप्स आप निहारते हैं, ये दूध और दंड से नहीं बनते। इन्हें विज्ञान और जुझारूपन बनाता है। इस विज्ञान को समझ लेंगे तो कम समय, कम खर्च और कम गलतियों में अच्छे नतीजे हासिल कर लेंगे। वरना शरीर, वक्त और रुपया सबका नुकसान उठाना होगा।
Heavy muscular bodyअच्छी बॉडी के लिए, क्या खाएं और कितना खाएं?
बॉडी बिल्डिंग एक विज्ञान है। ये दंड लगाने और दूध पीने से कहीं आगे की चीज है। जो बडे़-बड़े बदन आप देखते हैं, जो सिक्स पैक एब्स के ऊपर 18 इंच का बाइसेप्स आप निहारते हैं, ये दूध और दंड से नहीं बनते। इन्हें विज्ञान और जुझारूपन बनाता है। इस विज्ञान को समझ लेंगे तो कम समय, कम खर्च और कम गलतियों में अच्छे नतीजे हासिल कर लेंगे। वरना शरीर, वक्त और रुपया सबका नुकसान उठाना होगा।
Heavy muscular body
बॉडी बिल्डिंग के मोटे तौर पर तीन हिस्से होते हैं-
1 एक्सरसाइज
2 डाइट
3 आराम
जरूरत के हिसाब से एक्सरसाइज की जाती है। जिम में वक्त बिताने और एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही आप जान पाते हैं कि आपके लिए मौजूदा वक्त में क्या सही है।
डाइट : जिम में बिताया एक से डेढ़ घंटा आपसे छह वक्त का खाना मांगता है। उसके इंतजाम में वक्त और पैसा दोनों लगता है। अगर वाकई कुछ बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो जेब का ख्याल भी रखें।
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आराम : दिन बेचैन, रात बेचैन तो शरीर कहां से खुश रहेगा। एक्सरसाइज के दौरान आपके शरीर में खूब टूटफूट होती है। इस टूटफूट की मरम्मत होती है आराम के दौरान। अगर आप आठ घंटे की नींद नहीं ले पा रहे तो अच्छे नतीजे आना बड़ा मुश्किल है।
अच्छी बॉडी के लिए यह हिसाब लगाना भी जरूरी है कि क्या खाना है और कितना खाना है। खाने-पीने की तमाम चीजे हैं, किसमें कितना प्रोटीन, फैट वगैरह हैं, यह जानकारी आपको और जुटानी होगी और आप एक अच्छा डाइट चार्ट बना पाएंगे। आप सबकुछ सही कर रहे हैं, लेकिन डाइट सही नहीं ले रहे तो नतीजा व्यर्थ ही रहेगा।
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डाइट का विज्ञान :
कुछ ऐसे शब्द हैं, जो इन दिनों आपको ज्यादा सुनने को मिलेंगे। जैसे प्रोटीन, कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट, फैट। आइए जानते हैं इन शब्दों का आपके लिए क्या मतलब है
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कैलोरी : आपको दौड़ने-भागने से लेकर सांस लेने तक में एनर्जी (ऊर्जा) की जरूरत होती है। इसी ऊर्जा को कैलोरी में नापा जाता है। आप जो खाते-पीते हैं उससे आपको ऊर्जा मिलती है। बहरहाल मुद्दे की बात ये है कि वजन घटना हो या वजन बढ़ाना हो कैलोरी तो खर्च होगी ही।
सवाल ये है कि कितनी। इसका सीधा सा फार्मूला है अगर आपका वजन 100 किलो है तो आपको 100 गुणा 30 मतलब 3000 कैलोरी तक लेनी होगी। अपने वजन को 30 से गुणा कर मात्रा तय कर लें।
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प्रोटीन : प्रोटीन मसल्स बनाता है और उन्हें बरकरार रखता है। इसे पचाने में एनर्जी खर्च भी होती है और इससे एनर्जी मिलती भी है। इसकी मात्रा तय करने का भी सीधा गणित है, जिम जाने वालों को प्रति किलो वजन के हिसाब से एक से दो ग्राम के बीच प्रोटीन लेना चाहिए। मसलन वजन 60 किलो तो प्रोटीन 60 से 120 ग्राम के बीच पूरे दिन में।
कार्बोहाइड्रेट : ये हमें काम करने की ऊर्जा देता है। प्रोटीन और फैट के मुकाबले यह बहुत जल्दी ग्लूकोज में बदल जाता है। भारतीयों के भोजन दाल, चावल, रोटी, सब्जी में कार्बोहाइड्रेट की ठीक-ठाक मात्रा मौजूद होती है। अब आपको कितना कार्ब्स चाहिए ये डिपेंड करता है इस सवाल पर कि आपको कितनी कैलोरी चाहिए। अगर आपको रोज दो हजार कैलोरी चाहिए तो 250 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेना होगा। फॉर्मूला है 2000 को 2 से भाग करो और फिर जो आए उसे 4 से भाग करो।
डाइट में क्या और कितना
45 फीसदी कार्बोहाइड्रेट
15 फीसदी फैट
40 फीसदी प्रोटीन
इस बात का ध्यान रखें की यह एक बेसलाइन है। शरीर की जरूरत के हिसाब से कम ज्यादा होना लाजमी है। अपनी डाइट और एक्सरसाइज तय करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।